हमारी याद आएगीः सूरमा भोपाली में हास्य के बीज बिमल राय ने बोए थे
बिमल राय ने कहा कि देखो जो रुला सकता है उसमें इतनी गहराई होती है कि वही सबसे अच्छे ढंग से हंसा सकता है। बात जगदीप की समझ में आ गई। यहीं से जगदीप के जीवन और काम में हास्य का बीजारोपण हुआ था।
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