Breaking News

खाकी में भी इंसान हैं, साबित करने की कोशिश में वेब सीरीज

राजीव सक्सेना

पिछले दिनों एक वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी की लिखी,राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित पुस्तक पढ़ने में आई। इसमें पुलिस की आम छवि से अलग इंसानियत की, यानी सकारात्मक छवि दर्शाने के मकसद से कुछ ऐसी सच्ची घटनाओं का जिक्र किया गया, जिनमें पुलिस अधिकारी व कर्मचारी अपने पद और निर्धारित कर्तव्य से आगे बढ़कर पीड़ितों को उनके हिस्से का वाजिब इंसाफ दिलाने का प्रयास करते हैं। ओटीटी की कुछ वेब सीरीज ने भी इस मामले में पर्दे पर भारतीय पुलिस की रूढ़ छवि दिखाने की परिपाटी से इतर, नई पहल की है। पुलिसवालों की मेहनत और उनके समर्पण को रेखांकित किया है। नेट फ्लिक्स की सीरीज देल्ही क्राइम, जामताड़ा और एमएक्स प्लेयर की द क्लू इसी तरह की लीक से हटकर कुछ वेब सीरीज हैं…

देल्ही क्राइम
कुछ साल पहले राजधानी की सड़कों पर, रात में एक निजी बस में सवार नौजवान लड़के-लड़की के साथ घटी वारदात निर्भया कांड के रूप में अब तक चर्चा में बनी हुई है। सिनेमा और टेलीविजन पर इसे नाट्य रूपांतरित कर दिखाने के प्रयास हुए। क्राइम पेट्रोल में खास एपिसोड बनाकर दिखाए गए, लेकिन नेटफ्लिक्स पर एक निजी बैनर के जरिए बनवाई गई सीरीज देल्ही क्राइम के पहले सीजन में निर्भया प्रकरण को पुलिस के नजरिए से देखते हुए आम दर्शकों के बीच रखा गया।

रिची मेहता के निर्देशन में इस शृंखला के तहत पटकथा के ताने-बाने कुछ इस तरह बुने गए कि मात्र तीन दिन के भीतर दिल्ली पुलिस की जी तोड़ मेहनत और लगन ने इस जघन्य अपराध को अंजाम देने वाले दरिंदों को धर दबोचने में कसर नहीं छोड़ी। दिल्ली की सड़क पर निजी बस के भीतर हुई मारपीट और सामूहिक बलात्कार की घटना से लेकर, पीड़ित लड़के-लड़की को अस्पताल पहुंचाने, महिला पुलिस उप आयुक्त द्वारा देर रात खुद पहुंचकर मामले की कमान अपने हाथों में संभालते हुए तत्परता से टीम वर्क के साथ रात दिन एक करने और अंतत: छह आरोपियों को धर दबोचकर अंजाम तक पहुंचाने के दृश्यों को पूरी सतर्कता और खूबसूरती से पिरोया गया है।

जामताड़ा
झारखंड के जामताड़ा में कई वर्ष से बेखौफ चल रहे साइबर क्राइम को इसी शीर्षक की नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज में उम्दा तरीके से दिखाने के प्रयास किए गए हैं। जामताड़ा सीरीज में सक्रिय पुलिस अधिकारी डाली साहू के किरदार को अभिनेत्री अक्षा पारदासानी ने बेहतर निभाया है। इस किरदार को इलाके की एक पुलिस अधिकारी जया राय से प्रेरित बताया जाता है।

अन्य प्रमुख चरित्रों में अभिनेता अमित स्याल, दिव्येंदु भट्टाचार्य, स्पर्श श्रीवास्तव, अंशुमान पुष्कर और अभिनेत्री मोनिका पंवार ने उल्लेखनीय काम किया है। देश भर में कुछ साल में बेहद तेजी से बढ़े साइबर अपराध के मामलों पर नकेल की गर्ज से शुरू किए गए पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ की कार्यप्रणाली इस वेब शृंखला के माध्यम से जानने और सतर्क रहने की प्रेरणा आम जन को मिली है।

द क्लू
एमएक्स प्लेयर पर कुणाल खेमू अभिनीत शृंखला अभय के अलावा विट्ठल वेटूरकर निर्देशित द क्लू को भी बहुत पसंद किया गया है। अभय में भी पुलिस की छवि को सकारात्मक आकार देने की कोशिश उल्लेखनीय है। इस सीरीज के पहले सीजन की सफलता के बाद दूसरे सीजन में उम्मीद बढ़ गईं थी लेकिन पटकथा में झोल ने लोगों की रूचि कम की है और अपेक्षाकृत रसास्वाद नहीं मिल पाया।

विजय राज का अभिनय इस सीजन की उपलब्धि माना जा सकता है। द क्लू में निर्देशक ने मर्डर मिस्ट्री को पुलिस की सजगता से सुलझाए जाने की कहानी को दिलचस्प विस्तार देने की कोशिश की है। पटकथा की कसावट में कमी स्पष्ट नजर आती है लेकिन नवोदित कलाकारों ने अपेक्षा के विपरीत अपने अभिनय से सीरीज को संभाला है।

अमित दौलावत, राहुल जैन और अंकिता परमार ने साबित किया है कि नए कलाकार भी कमाल दिखा सकते हैं, अगर उन्हें अच्छी भूमिकाएं और कुशल निर्देशन मिले। भारतीय पुलिस के तथाकथित अक्खड़, बदमिजाज और भ्रष्ट रवैये को ओटीटी की कुछ वेब सीरीज, आम जनता के बीच एक हद तक खारिज करने में सफल हुई हैं,इसमें संदेह नहीं।



from Entertainment News (एंटरटेनमेंट न्यूज़) In Hindi, बॉलीवुड समाचार, Manoranjan News, मनोरंजन समाचार | Jansatta https://ift.tt/9oiCZ3H

No comments